एक नजर निरेखि के जियावल करल कर s
जनि फेरि के नजर तूँ सतावल करल कर s
नैना से प्रेम दिल में ज़ब भर जाए पोरे -पोर,
चेहरा प प्रेम अपने झलकावल करल कर s
तीर -ए -शिकार होके अब कैसे जीं जिनगी,
कुछ दवा दरद के दिल पे लगावल करल कर s
दिल में बा आस प्यास के पीँ प्रेम के पियाला,
तूँ जाम -ए -मोहब्बत हमके पियावल करल करs
उठे जुल्फ में लहरिया त हो जाला अन्हरिया,
आपन बाल गाल पर से हटावल करल करs
दिल से दिमाग़ तक बाटू बस तूँ ही तूँ,
अपने दिलवो के बात ई समझावल करल कर s
कोहाँ जालू ज़ब तूँ लागे न कछहू नीक,
कउनो बात होखे त पहलहि बतावल करल कर s
-सिद्धार्थ गोरखपुरी