मेरी पहचान ही मेरी अस्तित्व है,
लाभ-हानि के आधार पर अपनी पहचान बदलना आदत नही,
वक्त के साथ चलने में विश्वास है लेकिन अपनी पहचान बरकरार रखकर,
परिस्थितियां तो बदलती रही लेकिन अपनी पहचान कभी नहीं बदली,
शायद बहुत लोगों को नही भाती होगी,
फरक नहीं पड़ता
लेकिन मुझे फक्र है अपनी पहचान पर,
जिसे बहुत सहेज कर रखा है,
स्वीकार कीजिय मेरी पहचान को,
घाटे का सौदा बिल्कुल नहीं है,
विश्वास दिलाता हूँ,
अस्तित्व मिटेगी तभी मेरी पहचान खत्म होगी !!
#संजय श्रीवास्तव

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




