लिखन्तु डॉट कॉम पर सर्वाधिक सक्रिय एवं योगदान देने वाले सम्मानित रचनाकार
लिखन्तु डॉट कॉम बहुत ही हर्ष के साथ अपने सम्मानित रचनाकारों का उनकी सक्रियता एवं योगदान के लिए बहुत ही आभारी है - हमें गौरव की अनुभूति होती है जब आप जैसे रचनाकार अपनी रचनायें एवं कृतियां निरंतर पटल पर प्रकाशित करते हैं जो हमारे पाठकों को पसंद आती हैं -
यद्यपि हर एक रचनाकार के हम शुक्र गुजार हैं लेकिन जिनकी भूमिका अभी तक अहम रही है उनसे आशा करते हैं कि हमसे एवं हमारे पाठकों से इसी प्रकार जुड़े रहेंगे एवं अपनी सृजनात्मकता और रचनात्मकता से अभिभूत करते रहेंगे।
प्रस्तुत हैं सभी सम्मानित मान्यवर :-
1. राजेश कुमार कौशल जी [हाइकू सम्राट - एवं सामाजिक चिंतक - दूसरे सर्वाधिक रचना - दूसरे सर्वाधिक पढ़े जाने वाले- बेहद खूबसूरत अलंकरण]
2. वेदव्यास मिश्र जी [सामाजिक विषयों को लेखनी के माध्यम से उठाते हैं - बहुमुखी प्रतिभा के धनी - अधिकतम श्रेणियों में रचनाये - बेहद खूबसूरत अलंकरण - सर्वाधिक पढ़े जाने वाले, विशुद्ध व्याकरण, समसामयिक विषयों में भागीदारी के लिए तत्पर]
3. रीना कुमारी प्रजापत जी [जिंदगी की उथल पुथल को रचनात्मकता से प्रस्तुत करती हैं - बेहद खूबसूरत अलंकरण - अत्यधिक सक्रिय]
4. डॉ फौज़िआ नसीम शाद जी [शायरी,अल्फ़ाज़ों एवं ग़ज़ल विधा में प्रखर - तीसरी सर्वाधिक रचनायें - बेहद खूबसूरत अलंकरण - अत्यधिक सक्रिय]
5. नेत्र प्रसाद गौतम जी [बाल कविताओं में धनी - जन साधारण की जिंदगी को ईमानदारी पूर्ण प्रस्तुत करते हैं]
6. वंदना सूद जी [विशुद्ध व्याकरण - कोमलता, मधुरता एवं समंजस्यता के साथ अलंकृत रचनायें प्रस्तुत करती हैं, समसामयिक विषयों में भागीदारी के लिए तत्पर]
7. धर्म नाथ चौबे 'मधुकर' जी [शायरी,अल्फ़ाज़ों एवं कविताओं में प्रखर - प्रेम, व्यंग एवं अपनी अलग रचना शैली के लिए उन्मुक्त]
8. ताज मोहम्मद जी [शायरी,अल्फ़ाज़ों एवं कविताओं में प्रखर - लख़नवी अंदाज़ के मालिक]
9. मनीषा सिंह जी [व्याकरण एवं सौंदर्य से परिपूर्ण रचनायें प्रस्तुत करने में धनी, समसामयिक विषयों में भागीदारी के लिए तत्पर ]
10. अशोक कुमार पचौरी जी [सर्वाधिक रचनायें, इनकी रचनायें मुख्यतः प्रकृति या स्वयं के अनुभव पर प्रतीत होती हैं लेकिन जुड़ने पर लगता है कि यह हमारा भी अनुभव है - सामाजिक मुद्दे दहेज़ प्रथा एवं जानवरों के प्रति प्रेम पर भी पढ़ने को मिलता है]
इसके अलावा अन्य रचनाकारों का भी उतना ही योगदान है जितना की उपर्युक्त रचनाकारों का उनकी रचनायें कुछेक होने के कारण हम उनकी विधा एवं लेखन शैली को भली भांति समझ नहीं पाए हैं - ऐसे में अज्ञानता वस् उनकी शान में कुछ शब्दों की कमी रह जाएगी ऐसा हमारा मनना है - उनके बारे में आगे हम गहन अध्यन करने के बाद अवश्य प्रकाश में लाएंगे - लेकिन इसका अर्थ यह नहीं है कि उनका योगदान नगण्य है - हमारा मानना है प्रति एक पाठक या रचनाकार अवमूल्य हैं एवं उनका योगदान अतुलनीय है