कुछ कुछ सागर सा जीवन है अपना
जो अथाह जल सा विशाल
जिसकी लहरें उठती हैं
और दूर बाहर तक आतीं
कभी धीमी, कभी तेज,
कभी ऊँची बलखाती
धरती से टकराकर फिर
वापिस सागर में मिल जातीं
कुछ को अपने साथ ले जातीं,
कुछ को बाहर छोड़ जातीं
सागर का शांत स्वाभाव उसकी लहरों में
तूफान की ताकत को बयां नहीं होने देता .....
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The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



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