मौजे से अंगूठा बाहर आया
अंधेरे से उसका दिल घबराया
आंखों को इधर उधर टक टकाया
देख बाहरी दुनिया वो चकराया
इतना उजियारा कहां से आया
जूता कार घर उसे रास ना आया
मौजे ने उस पर अंधेरा बरपाया
रहने को दमघोंटू वातावरण दिलाया
वहां था कार्बन डाइऑक्साइड
और मेथेन गैस का घना साया
मौजे ने उस पर बड़ा जुल्म ढाया
बाहर आने का सुनहरा अवसर पाया
फटे मौजे ने उसे जोश दिलाया
अंगूठा फुदक कर बाहर आया
अंधेरे से उसका दिल घबराया
#अर्पिता पांडेय

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




