जब राह में कांटे बिछे हों,
और सामने तूफ़ानों का पहरा हो,
तब भी जो अपने हौसले से न डगमगाए,
वो ही सच्चे अर्थों में विजेता कहलाए।
हर बूँद पसीने की बनती है कहानी,
जो मेहनत को अपना भगवान मानें,
जो तपकर दिन-रात खुद को गढ़ते हैं,
वही चमकते हैं जैसे अमोल रत्न पुराने।
जो नींद को भी त्याग दे सपनों की खातिर,
और थकावट से कभी समझौता ना करे,
जो हालातों के सामने सिर झुकाए नहीं,
वही जीवन की ऊँचाईयों को सरलता से भरे।
हर पत्थर जो राह में आए उसे सीढ़ी बना ले,
जो संघर्ष को मुस्कान में बदलना जान जाए,
वक्त उसी का गीत गाता है फिर एक दिन,
इतिहास भी उसका नाम सम्मान से गाए।
मत डर अंधेरों से साथी,
तेरे भीतर उम्मीदों का दीपक जलता है,
हर रात के बाद सवेरा आता है निश्चित,
परिश्रम से ही तो जीवन का सूरज चमकता है।

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




