(बाल कविता)
मंजिल मिल जाएगी श्रम से
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कहते फूल हमेशा हँसना ।
कलियाँ कहतीं हरदम खिलना ।।
पौधे कहते परहित जीना ।
दुख के आँसू हँसकर पीना ।।
नदिया कहती जीवन देना ।
देकर खुशियाँ कभी न लेना ।।
कोयल कहती मीठा बोलो ।
रिश्तों में अमृत रस घोलो ।।
कहती हवा प्यार से बहना ।
भावों की खुशबू को भरना ।।
कहती गाड़ी चलते रहना ।
लक्ष्य एक निर्धारित करना ।।
मंजिल मिल जाएगी श्रम से ।
करो कर्म बस नित्य नियम से ।।
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~राम नरेश 'उज्ज्वल' ' '