जब प्यार था एक तरफ़ा,
कोई शिकवा, कोई शिकायत नहीं थी,
बस प्यार ही प्यार था,
हुआ जब ये दो तरफ़ा
तो शायद थोड़ी सी नफ़रत भी
दस्तक देने लगी है।
जब प्यार था एक तरफ़ा
तो नज़रें भी उनकी हम पर ही थी,
हुआ जब दो तरफ़ा
तो अब नज़र अंदाज़ी भी होने लगी है।
जब प्यार था एक तरफ़ा
तो ना थी कोई नाराज़गी,
जैसे ही हुआ प्यार मेरा दो तरफ़ा
तो नाराज़गी भी पहरा देने लगी है।
जब प्यार था एक तरफ़ा
तो हर पल बस मेरे साथ रहना था उन्हें,
अब जब हुआ दो तरफ़ा
तो बीच में ही छोड़ जाने की
आदत भी उनमें पनपने लगी है।
🖋️ रीना कुमारी प्रजापत 🖋️
सर्वाधिकार अधीन है

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




