एक छोटे से गाँव में, रामू नाम का एक लड़का रहता था। वह बहुत ही बातूनी था और उसे अपनी बातें दूसरों को बताने में बहुत मज़ा आता था। एक दिन, रामू ने अपने दोस्त श्याम से कहा, "मुझे एक बहुत बड़ा रहस्य पता चला है। क्या तुम सुनना चाहते हो?"
श्याम ने उत्सुकता से पूछा, "हाँ, ज़रूर!"
रामू ने धीरे से कहा, "मेरे पिताजी ने मुझे बताया कि उन्होंने एक खजाने का नक्शा खोज लिया है। वे इसे खोजने के लिए कल जंगल जा रहे हैं।"
श्याम की आँखें चमक उठीं। उसने रामू से वादा किया कि वह यह बात किसी को नहीं बताएगा। लेकिन श्याम इतना उत्साहित था कि वह अपने घर गया और अपनी माँ को यह बात बता दी।
श्याम की माँ ने उसे बताया कि उसे यह बात किसी को नहीं बतानी चाहिए थी, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। श्याम के पिता ने यह बात सुन ली और उन्होंने गाँव के अन्य लोगों को भी बता दिया।
अगली सुबह, जब रामू के पिता जंगल के लिए निकले, तो उन्होंने देखा कि गाँव के सभी लोग उनके पीछे आ रहे हैं। रामू के पिता बहुत नाराज़ हुए। उन्होंने रामू से कहा, "तुमने मेरी बात किसी को क्यों बताई?"
रामू ने रोते हुए कहा, "मैंने सिर्फ श्याम को बताया था।"
रामू के पिता ने कहा, "दीवारों के भी कान होते हैं। तुम्हें कभी भी कोई रहस्य किसी को नहीं बताना चाहिए।"
रामू ने अपनी गलती समझ ली। उसने अपने पिता से वादा किया कि वह फिर कभी किसी का रहस्य नहीं बताएगा।

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



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