घटा छाई
बादल उमड़े ।
वर्षा आई
चातक उड़े ।
पपिहा बोला
पीहू पीहू ।
कोयल कूकी
कू कू कू कू ।
मोर ने खोले
सुंदर पंख ।
नाच उठा
संग रंग-बिरंग ।
मंदिर में बज
उठा शंख ।
संध्या वेला
मधुर मृदंग ।
_______मनीषा सिंह
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घटा छाई
बादल उमड़े ।
वर्षा आई
चातक उड़े ।
पपिहा बोला
पीहू पीहू ।
कोयल कूकी
कू कू कू कू ।
मोर ने खोले
सुंदर पंख ।
नाच उठा
संग रंग-बिरंग ।
मंदिर में बज
उठा शंख ।
संध्या वेला
मधुर मृदंग ।
_______मनीषा सिंह