हम ख़ामोशी से सब देख रहे हैं,
हमे कायर ना समझना।
जिस दिन बोलेंगे तूफ़ान ला देंगे,
हमे मामूली इंसान ना समझना।
ये जो ख़ामोशी है डर की नहीं,
तूफ़ान के आने से पहले की है।
और ये जो आदत है हमारी
मौके पर मौके देने की,
ये कुछ हद तक की है
ज़िन्दगी भर की जागीर नहीं।
💐 रीना कुमारी प्रजापत 💐