कोई बेरोजगारी से परेशान,
तो किसी कोई इतवार नहीं मिलता।
बेरोजगारी की पतवार में होकर सवार,
किसी को रोटी का एतबार नहीं मिलता।
भ्रष्टाचार में भ्रष्टाचारी अमीर है।
आज भी एक शिक्षित खड़ा फकीर है।
एक प्रश्न कल भी यक्ष था,
और आज की बलवान है।
बेरोजगारी के इस दलदल में,
हर किताब शून्य समान है।