तुम्हारा हृदय कितना विशाल
सारा ब्रह्माण्ड तुम्हारे हृदय में स्थित
हमारा हृदय कितना विशाल
तुम हमारे हृदय में स्थित
यह दिव्ययोग
इसकी महिमा क्या कहूँ ?
तू मुझमे
मैं तुझमे
इसे मैं बार बार देखुँ
इस दर्शन से
हे भगवंत...
मैं तृप्त हो जाऊं l
✍️ प्रभाकर, मुंबई ✍️