मोटा-माड़ा सौदा जग ऐ।
तेनू लेणी की दी लोड़।
रब मिलिया तेनू सतगुरु वरगा।
बंदा बनन लयी कर हुण होड़।
नैना जागी रात-रात नूं।
बणिया की तेरी फिरदी तौर?
सच्चे गुरु दी गरज पड़ा लै।
जदो ही तेरी खिलणी भोर।
मैं तां हारा, तन वी माड़ा।
जग विच पाया इक ना कौर।
जै अरदास गुरु चरनन की।
भूखा सोया फेर ना होर।
ओ वी साड्डा, एह वी मेरा।
बखत पड़े देखें तें चोर।
कारज पूरा गुरु तें होणा।
सतगुरु दिस दें विच नें मोर।
_____मनीषा सिंह

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



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