(बाल कविता)
बोल बड़े अनमोल
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महक रही है अपनी धरती ,
महक रहा है देश ।
महक रहा है कण-कण सारा,
वन-उपवन परिवेश ।।
चहक रहीं चिड़ियाँ पेड़ों पर,
चहक रहा सुर्खाब।
चहक रहे हैं झींगुर, घोंघा,
चहक रहा तालाब ।।
चमक रही भारत की बिंदिया,
देख रहा संसार ।
पीट रहे हैं दुश्मन माथा,
मान रहे सब हार। ।।
सबसे अच्छा देश हमारा,
करे सदा सम्मान ।
दया धर्म का पाठ पढ़ाए ,
बाँटे सबको ज्ञान।।
परचम दुनिया में फहराया,
मीठी वाणी बोल ।
मित्र बन गए शत्रु हमेशा ,
बोल बड़े अनमोल ।।
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~ राम नरेश 'उज्ज्वल'