इंसान
सुना था,
बाघ और बकरियां
एक घाट पर पानी पीते थें
न डर था न भय
एक ही जंगल था
बेफिक्र निडर साथ रहते थें,
हुआ था,
यही सुनकर विश्वास
भरोसा इंसान पर
कि इंसानियत से जीते होंगे ,
देखा कि
लाचार असहाय बेबस
माॅं बहन बेटियों को
बोटियों में नोंचते घोंटते मारते
हैवान के रूप में
कुछ दरिंदों को ,
गाय की भांति छटपटाती
तोड़ती दम
मरते-मरते बनते तमाशा
जानवरों की भांति खड़े
लोगों के बीच।
रामवृक्ष बहादुरपुरी
अम्बेडकरनगर उत्तर प्रदेश

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




