देशभक्तों की दौड़ में
कुछ लोग तिजोरियों को
पीठ पर बांधें दौड़ रहे है
सुना है जलते हुए महल में
पैसों का अम्बार मिला है
तिजोरियों का अकाल पड़ा है
कुछ भूखों को अन्नाज देना
कुछ जरुरतमंदो को मदद देना
तिजोरियों को खाली कर देगा
मजदूर मजदूर होता है
किसान किसान होता है
तिजोरी वाला देश भक्त होता है
पैसा पैसे वालों के घर मिलता है
कभी तिजोरियों में, कभी तिजोरियों
के बाहर मिलता है
वो देश की क्या जहाँ सता
तिजोरियों में पैसों के संग
ठिठोलिया न करें
एक नियम अविरल है
मिले पैसा तो क्यों
न तिजोरियां भर लें
तिजोरी की चाबी
बड़े आराम से सता के
दरवाज़े को भी लग जाती है
देश तिजोरियों से भरा पड़ा
पैसा इतना कि बहार पड़ा है
कमरों में रखा जल रहा है
जरुरतमंदों को मत देना
इससे देश गरीब हो रहा है
विचारविमर्श हो रहा है