तेरे लबों की ज़रूरत है इन लबों को,
तेरे हाथों में हो हाथ भी।
तेरे चेहरे पे हो ज़ुल्फ़ें मेरी,
और सीने में हो मेरा अक्स भी।
तेरी आँखों में चमकूँ मैं,
और दिखे मेरे चेहरे के नूर में तू।
तेरी हर बात में झलकूॅं मै,
और दिखे मेरे होंठों के बदलते रंगों में तू।
बनूं मैं तेरे जीवन की प्रीत,
बन जाए तू मेरा इतना करीबी मीत।
मेरे जिगर के टुकड़े तू बने मेरा सूर,
और मैं बनकर रह जाऊॅं तेरा गीत।
🖋️ रीना कुमारी प्रजापत 🖋️