ज़्यादा जानने समझने की कोशिश में
खुद को ही भूल गए हैं,
बचपन इतना जल्दी क्यूँ गुजरा,
बड़े होकर तो हम जीना ही भूल गए हैं,
क्यूँ थोप दिया गया हमें जिम्मेदारियों का बोझा,
ज़्यादा जानने समझने की कोशिश में,
हम खुद के बारे में लिखना भूल गए हैं।।
– सुप्रिया साहू