अच्छा इंसान
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हर इंसान अपने जीवन में यह चाहता है कि लोग उसे एक अच्छे इंसान के रूप में याद रखें। लेकिन “अच्छा इंसान” बनने का पैमाना केवल हमारे शब्दों, वादों या व्यक्तित्व के आभामंडल से तय नहीं होता, बल्कि इस बात से तय होता है कि हम अपने आस-पास के लोगों के लिए क्या माहौल और क्या असर छोड़ते हैं।
अगर आप सचमुच अच्छा इंसान बनने की ख़्वाहिश रखते हैं, तो दूसरों के लिए हमेशा आसानियाँ पैदा कीजिए, न कि परेशानियाँ।
किसी की मदद करना, उसका बोझ हल्का करना, उसके चेहरे पर मुस्कान लाना—ये छोटे-छोटे कदम ही इंसानियत को बड़े रूप में सामने लाते हैं। दूसरों के लिए मुश्किलें खड़ी करना, ताने कसना, या उनका रास्ता रोकना न केवल उन्हें आहत करता है, बल्कि हमारे अपने चरित्र पर भी प्रश्नचिह्न खड़ा करता है।
जीवन का सच्चा सौंदर्य इसी में है कि हम अपने व्यवहार से किसी की राह आसान करें। यह जरूरी नहीं कि मदद हमेशा भौतिक रूप से ही हो—कभी एक प्यारा शब्द, कभी दिलासा, कभी मुस्कुराहट भी दूसरों के लिए राहत का कारण बन सकती है।
याद रखिए, अच्छाई वही है जो दूसरों के जीवन में सुकून और सहजता लेकर आए।
और यही अच्छाई हमें वास्तव में “अच्छा इंसान” बनाती है।
डाॅ. फौज़िया नसीम शाद