चेहरे पे है नकाब
चेहरे, पे है, नकाब, हुजूर, हल्का- हल्का
आखों, में है जनाब, सुरूर हल्का- हल्का
गिरने ही वाली है ये बिजलियाँ कहीं पर
खिसकेगा जब नकाब, हुजूर हल्का-हल्का
जी, भर के देखने दो, ये हुस्न, ये शबाब
ढ़लने, दो, ये, हिजाब, हुजूर हल्का-हल्का
मय पी लूं मैं लबों से, ये चाहता है दिल
चखने, दो, ये, सुवाद, हुजूर हल्का-हल्का
ऐसा, न हो कहीं गुजर जाए, ये जिन्दगी
छलकने दो ये शराब हुजूर हल्का -हलका
न, छोङ, जाना मुझे, तू यूं अकेला यादव
होता है, नशा, जनाब, जरूर हल्का-हल्का
- लेखराम यादव
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