आस्था की पगडंडी पर चलाने वाली माँ।
मन्नत के फायदो को समझाने वाली माँ।।
इन सब के बावजूद तर्क-वितर्क करती।
कुछ तकियानूसी प्रथा मानने वाली माँ।।
खेल-कूद के साथ-साथ पढाई कराती।
विश्वविद्यालय में प्रवेश दिलाने वाली माँ।।
कब तक साथ रहती दुआएँ देने वाली।
याद खूब आती छोड़कर जाने वाली माँ।।
- उपदेश कुमार शाक्यावार 'उपदेश'
गाजियाबाद