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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra The Flower of WordThe novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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The Flower of Word by Vedvyas MishraThe Flower of Word by Vedvyas Mishra
Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

The novel 'Nevla' (The Mongoose), written by Vedvyas Mishra, presents a fierce character—Mangus Mama (Uncle Mongoose)—to highlight that the root cause of crime lies in the lack of willpower to properly uphold moral, judicial, and political systems...The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

                    

बेरोज़गार

बिन रोजगार मानव अकुलाता है
बेरोज़गार बन जाता है
रोजगार और रोजी की खातिर शैशवास्था से युवावस्था तक नैनों
में उत्कृष्ट जीवन का स्वप्न संजोए
कठोर परिश्रम कर शिक्षा दीक्षा पाता है
उम्र से दूना किताबो का बोझ उससे चौगुना माता-पिता की आशाओं का बोझ लिए दिन दिन
बढता जाता है
बिन रोजगार -----
कालेज में जब होता छात्र सोचता
उत्कृष्ट जीवन और रोजगार कर रहा होगा उसका इंतजार
कालेज से बाहर आते ही होता
उस पर वरजपात स्वप्न हो जाता उसका बेदम
उस दिन वह समझ पाता है बेरोज़गारो की सेना का
है वह अदना सिपाही
उसकी शिक्षा का नहीं कोई मोल
जब तक ना पड़ जाए उसमें रिश्वत
और सिफारिश की खाद
रोजगार की तलाश बना देती उसे
जिंदा लाश आशा और निराशा के
पाटों में पिसती उसके सपनों की राख
सरकार और सरकारी नीतियां उसे देती और तोड़ मरोड़
योग्यता का होता अग्नि परीक्षण
आने वालीं हर सरकार वोट की
खातिर करती उसका इस्तेमाल
रोजगार के नाम पर कर देती है
बेरोज़गारी भत्ता उसके नाम
जैसे पढ़ लिख किया उसने कोई
अपराध दण्ड स्वरूप उसे मिलेगा
भत्ता पारितोषिक इनाम
बेटा पढ़ लिख कर बने अच्छा इन्सान
करेगा रोशन उनका नाम
इस आशा में मात पिता कर देते
अपना जीवन बलिदान पर
बेरोज़गारी उनके लाल की उनका बुढ़ापा भी न पातीं संवार
इस बेरोज़गारी का दोषी कौन आज
शिक्षा व्यवस्था या हमारा समाज
नहीं मांगते यह भत्ता इन्हें दो योग्य
रोजगार ताकि आने वाली पीढ़ी
ना करें तुमसे सवाल
अंत बेरोज़गारी सुरसा का करने
कब आयेगा हनुमान




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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (6)

+

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' said

Bahut achha vishay aur kendra ko paripurn karti rachna...bahut khoob

अर्पिता पांडेय replied

प्रोत्साहन के लिए आभार बस यह कृपा सदा मिलती रहे

फ़िज़ा said

Bahut khoob lazwaab soch

अर्पिता पांडेय replied

Aisa hi utsah badhate rahiyega thanks

Bhushan Saahu said

What a subject! Great

अर्पिता पांडेय replied

Dhanyawad sir ji

विपिन कुमार said

Kuch Kariye Mam Ham Berojgaaron ke liye Kavita Likhne ke baad ise sansad tak bhi pahuchaiye, dharne m main aajaunga, apne nakara berojgaar mitron ke sath

अर्पिता पांडेय replied

To ab app log meri poem share kijiye jab Tak Sadan me na pahuch Jay Viral kr dijiye Mai bhi app logo ke sath hu Aapko meri yah poem pasand ayi iske liye Hirday se dhanyawad

कमलकांत घिरी said

लाज़वाब रचना है मैम, आपने आंखें खोल दी मेरी, मुझे भी वहम था की clg के बाद रोजगार आसानी से मिल जायेगा लेकिन समाज में जबतक भ्रस्ताचारुपी राक्षस विद्यमान रहेगा तबतक इस देश का कुछ नहीं हो सकता..! बहुत ही सुंदर रचना 🙏🙌🙌👏

अर्पिता पांडेय replied

Dhanyawad apka

Priyanka said

Uttam vshay par bahut sundar rachna

अर्पिता पांडेय replied

Thank you ma'am

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