रास्ते नियति के
ये वो रास्ते नहीं हैं,
जो हमने चुने थे,
पर शायद वक्त ने
इन्हें हमारे लिए ही बनाया है।
कोई मंज़िल तो बनी होगी,
जो हमारे इंतज़ार में होगी,
इसलिए हम बेखौफ़ ही
उस ओर बढ़ते जा रहे हैं ।
वन्दना सूद
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