तेजाब की बौछार में चेहरा बचाना चाहिए
प्यार और तकरार में सेहरा बचाना चाहिए।
आंसूओ की बाढ़ से बहते नहीं गम के पहाड़
दर्द की दहलीज पर भी मुस्कुराना चाहिए ।
पत्थरों को जोड़ कर तो घर कभी बनते नहीं
घर बनाने के लिए खुद को मिटाना चाहिए।
मंजिलों की राह में सब ठोकर हमारा पथ्य हैं
ठोकरे खाकर हमें पर खुद संभलना चाहिए।
दुश्मनी और दोस्ती में तो हर खता मुआफ है
वक्त को अपना बनाकर भूल जाना चाहिए।
जब हसीं कातिल मिलेगा हाथ में खंजर लिए
वार आने से पहले सर खुदसे झुकाना चाहिए।
"दास"अपने आप की उनसे ना तुलना करो
रूठने का हक उन्हें है तुमको मनाना चाहिये।