देश के दिल का चमन है
ए वतन तुमको नमन है
दिल हमारा तन हमारा
सब कुछ अपना अर्पण है।
वो शहीदों की चिताएं
उसकी लेते हैं बलाएं
खून से लिखी कहानी
आजादी की ये कुर्बानी
अब तो बस मन तर्पण है।
जात पात का भेद ये छूटे
ऊंच नीच का दर्पण टूटे
हम सब हिंदुस्तानी बनकर
भारत मां को शीश नवाएं।
अपना राष्ट्र अपना संविधान
अपना तिरंगा अपना गान
धर्म नहीं हो बस पहचान
कदम मिलाकर बढ़ते जाएं
दुनिया को एक राह दिखाएं
जय हिंद जय भारत माता
तुझको सब कुछ करते अर्पण।

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




