जीने की तमन्ना अब हे-भी नहीं
जीने को दुवाये अब क्या मांगू
मतलबियों को यहां सब मीलता
में पाक महोब्बत किस से मांगू
जिंदगी को देनेवाला कोई और हे
क्यों न उनसे सारी हकीकत मांगू
खुदा तेरे सामने ये लोग कुछ नहीं
फिर इनसे महोब्बत क्यों मांगू
तुहि दाता तुहि भरोषा इस जमीं का
में दुसरो से किनारा क्यों मांगू
के बी सोपारीवाला