लंबी जटाएं,
नवरत्न धारक,
दुकानदार !
जादू टोटके ,
इच्छापूर्ण दुआएं ,
मिथ्या प्रचार !
बाबा बनते,
अज्ञानी अनैतिक,
गंवार लोग !
बाबा समूह,
इंद्रजाल धारक,
सम्राज्य फैला !
माहिर बाबे ,
अज्ञानता की घुट्टी,
मुफ्त बांटते !
बाबाओं के प्रपंच,
काल्पनिक गाथाएं,
भ्रमित लोग !
भक्ति रस में ,
अंधभक्त होकर ,
जनसैलाब !
बाबा की चक्की,
पिसती मर्यादाएं ,
जनता मौन !
सांप नेव्ले का,
मिलकर खेलते ,
घातक खेल !
बाबा की कृपा,
काफिला बेशुमार,
नरसंहार !
अंधभक्तों की,
वैतरिणी है पार,
माया न राम !
हादसे होते ,
क्यों न समझते,
हमारे लोग !
✍️ राजेश कुमार कौशल