जब तारे हों गर्दिश में,
तो हौसला मत खोना !!
इक रोटी भले कम खाना,
पर उम्मीदें मत खोना !!
ग़र काम कोई मिल जाये,
तो करना बिलकुल मन से !!
अन्दर ही अन्दर लेकिन,
खुद को मज़बूत करना !!
दूसरे की गधा मज़दूरी,
कोई अच्छी बात नहीं !!
उससे तो लाख अच्छा है,
खुद के दम पे कुछ करना !!
इक-इक करके ही यारा,
टिक-टिक कर जाओगे !!
तारे खुद ही आयेंगे,
मिलने ये इक दिन देखना !!
----वेदव्यास मिश्र
सर्वाधिकार अधीन है