1857 की क्रांति में लड़े थे वीर बलिदानी ,
हमने यह किस्सा सुना हमारी नानी की मुख जबानी।
क्या था भारत क्या था भारत का भूतकाल ,
अंग्रेजों के उसे काल पानी के आगे इस कहा गया मृत काल,
याद होगा तुम्हें वह बाल ,लाल, पाल, का अभिमान
देश के खातिर लड़े , दे दिए प्राण।
प्राण की बात अलग थी, क्रांति के संचालक थे,
भगत सिंह को याद करो वह तो एक युवा बालक थे।
राजगुरु सुखदेव भगत सिंह प्रमुख क्रांतिकारी थे ,
अंग्रेजो के विरुद्ध लड़े उन पड़े भारी थे,
भारत के इतिहास में शहादत महत्वपूर्ण रही,
दर्द उन्हें भी हुआ था जब लहू की नदियां बही,
मंगल पांडे था एक स्वतंत्र सेनानी,
अंग्रेजों को मरते दम तक खदेड़ा याद कराइ नानी,
29 वर्ष की उम्र में समर में जान गवाई थी,
याद होगा तुम्हें वह झांसी की लक्ष्मीबाई थी
जब जब आई थी विपदा देश पर जन्मे थे बलिदानी,
याद रखो इन्हें भी मत फेरों इन पर पानी , आजादी कायम रहे
----अशोक सुथार

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




