जिस हाल में रह रहा बेहाल लगता।
जीने की कसम खाई बवाल लगता।।
गैरत के बावजूद मरना पड़ेगा उसपर।
दगाबाज को सांसो का मलाल लगता।।
खो देने के बाद भी बार-बार याद आए।
और नही 'उपदेश' वही ख्याल लगता।।
न संघर्ष खत्म हुआ न शिकायते मेरी।
धीरे-धीरे जो खत्म हो रहा साल लगता।।