ये जो चेहरे पे मुस्कान है उसकी वजह तुम हो,
आज जो दिल में अलग ही हलचल है
उसकी भी वजह तुम हो।
चाॅंदनी पहले भी आती थी पर छूकर
चली जाती थी,
अब पास ही रहती है उसकी वजह तुम हो।
चाॅंद पहले भी आता था पर मैं उसे देखती ना थी,
अब उसे ही निहारती रहती हूँ
उसकी भी वजह तुम हो।
पहले पहरों पहर नींद ना आती थी,
अब लेटते ही नींद आ जाती है उसकी वजह तुम हो।
पहले अपने ख़यालों से दूर भागती थी मैं,
अब बस उन्हीं में खोई रहती हूँ
उसकी भी वजह तुम हो।
पहले कभी खुशी ने दस्तक दी नहीं दिल में,
पर आज जो खुशी आई है उसकी वजह तुम हो।
कई दिनों से कलम ख़ामोश थी मेरी,
आज ये बोलने लगी है उसकी भी वजह तुम हो।
""""रीना कुमारी प्रजापत ✍️