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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra The Flower of WordThe novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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The Flower of Word by Vedvyas MishraThe Flower of Word by Vedvyas Mishra
Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

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The novel 'Nevla' (The Mongoose), written by Vedvyas Mishra, presents a fierce character—Mangus Mama (Uncle Mongoose)—to highlight that the root cause of crime lies in the lack of willpower to properly uphold moral, judicial, and political systems...The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

                    

वजह तुम हो

ये जो चेहरे पे मुस्कान है उसकी वजह तुम हो,
आज जो दिल में अलग ही हलचल है
उसकी भी वजह तुम हो।

चाॅंदनी पहले भी आती थी पर छूकर
चली जाती थी,
अब पास ही रहती है उसकी वजह तुम हो।

चाॅंद पहले भी आता था पर मैं उसे देखती ना थी,
अब उसे ही निहारती रहती हूँ
उसकी भी वजह तुम हो।

पहले पहरों पहर नींद ना आती थी,
अब लेटते ही नींद आ जाती है उसकी वजह तुम हो।

पहले अपने ख़यालों से दूर भागती थी मैं,
अब बस उन्हीं में खोई रहती हूँ
उसकी भी वजह तुम हो।

पहले कभी खुशी ने दस्तक दी नहीं दिल में,
पर आज जो खुशी आई है उसकी वजह तुम हो।

कई दिनों से कलम ख़ामोश थी मेरी,
आज ये बोलने लगी है उसकी भी वजह तुम हो।

""""रीना कुमारी प्रजापत ✍️




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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (6)

+

सुप्रिया साहू said

बहुत खूबसूरत गज़ल मैम 👌😊, आपको सादर प्रणाम 🙏🙏।

रीना कुमारी प्रजापत replied

Thanks ji

सुभाष कुमार यादव said

खूबसूरत रचना। 👌👌👌

रीना कुमारी प्रजापत replied

आभार आपका 🙏

Lekhram Yadav said

*****और हमें प्रेरित करने की वजह भी तुम हो, बहुत सुंदर रचना आपको सादर नमस्कार

रीना कुमारी प्रजापत replied

Many many thanks😊🙏

श्रेयसी said

बेवजह भी बोला कीजिए हंसा किजिए क्योंकि वजह तो कभी भी खत्म हो जाती है सुंदर रचना 🙌🙌

रीना कुमारी प्रजापत replied

Haji didu raani par main sikke ke dono pahluon ko dekhati hu tabhi to maine aaj likha ki ye jo chehre pe muskaan hai uski wajah tum ho or 19 March ki rachna "muskurane ke liye wajah" mein likha hai ki muskurane ke liye wajah ka hona zaruri nahi bewajah bhi muskuraya ja sakata hai..... Bahut bahut dhanyawad apka

श्रेयसी said

Aur kya bilkul sahi baat hai

कमलकांत घिरी said

वाह वाह ये वजह बहुत खूबसूरत है दीदी जी इस वजह को हमेशा कायम रहने देना, बहुत ही ज्यादा सुंदर रचना 😊👏🙌🙏

रीना कुमारी प्रजापत replied

Ji bilkul shukriya

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