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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra The Flower of WordThe novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

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The novel 'Nevla' (The Mongoose), written by Vedvyas Mishra, presents a fierce character—Mangus Mama (Uncle Mongoose)—to highlight that the root cause of crime lies in the lack of willpower to properly uphold moral, judicial, and political systems...The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

                    

ग़ज़ल

उसी के नाम से धड़कता है ये दिल,
होगा ही नहीं, जो कभी भी हासिल।

मैं कोशिश ही न करूँ ये गलत होगा,
ये अलग बात मिले न मिले मंजिल।

जिसके नाम से ही चलती हैं ये साँसें,
उसी के बिना जीना है बड़ा मुश्किल।

वो आ जाए तो सँवर जाए ये जीवन,
उसके बिना जीना, मरना तिल-तिल।

जिसने आ कर दी मुझे नयी जिंदगी,
सितम कैसा ये, अब वही है क़ातिल।
🖊️ सुभाष कुमार यादव




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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (7)

+

रीना कुमारी प्रजापत said

बहुत सुंदर पंक्तियां 👌👌

सुभाष कुमार यादव replied

धन्यवाद रीना जी।🙏🙏

पवन कुमार "क्षितिज" said

मान गए 👌

सुभाष कुमार यादव replied

धन्यवाद क्षितिज सर जी।🙏🙏

श्रेयसी said

वाह लाजवाब रचना 🙏🙏

सुभाष कुमार यादव replied

धन्यवाद श्रेयसी जी।🙏🙏

शिवचरण दास said

बहुत खूब सुभाष जी वाह

सुभाष कुमार यादव replied

धन्यवाद दास सर जी।🙏🙏

Ankush Gupta said

बहुत सुंदर पंक्तियां 👌👌

सुभाष कुमार यादव replied

धन्यवाद अंकुश जी।🙏🙏

मनोज कुमार सोनवानी "समदिल" said

वियोग श्रृंगार की मर्मस्पर्शी कविता। वाह।

सुभाष कुमार यादव replied

धन्यवाद समदिल सर जी।🙏

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' said

हर शेर में उस एहसास की झलक है, जो दिल को छू जाती है—ना चाहकर भी जो दिल के सबसे करीब होता है। आपकी कलम से ऐसे जज़्बात पढ़कर दिल भी सहम जाता है और खुद को खो देता है।आपको सादर प्रणाम आदरणीय यादव सर जी।

सुभाष कुमार यादव replied

प्रतिक्रिया के लिए धन्यवाद आदरणीय पचौरी सर । सादर प्रणाम।🙏🙏

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