उसी के नाम से धड़कता है ये दिल,
होगा ही नहीं, जो कभी भी हासिल।
मैं कोशिश ही न करूँ ये गलत होगा,
ये अलग बात मिले न मिले मंजिल।
जिसके नाम से ही चलती हैं ये साँसें,
उसी के बिना जीना है बड़ा मुश्किल।
वो आ जाए तो सँवर जाए ये जीवन,
उसके बिना जीना, मरना तिल-तिल।
जिसने आ कर दी मुझे नयी जिंदगी,
सितम कैसा ये, अब वही है क़ातिल।
🖊️ सुभाष कुमार यादव