प्रतिस्पर्धा की दौड़ में
राहें ओलंपिक की आसान नहीं हैं ।
तुम जीतो या ना जीतो
तुम्हारा वहां होना भी कोई कम नहीं है।
अबकी बार अपने खिलाड़ियों पर
आशाओं की बोझ नहीं।
फ्री माइंड से खेलेंगे रहेगा कोई दवाब नहीं।
शांत सरल सामान्य रूप से एक बिंदु पर
फोकस होगा।
इस बार देखना पेरिस ओलंपिक में सबकुछ चोकस होगा।
पदकों की तालिका में देश औवल होगा।
खेलो इण्डिया की मुहिम ने क्या खूब रंग लाया है।
हर खेल में भारतीयों ने देश का परचम लहराया है।
हमारे खिलाड़ी आम नहीं ख़ास हैं
उनके लिए सभी हिंदुस्तानियों के दिल
प्यार सम्मान और विस्वास है।
हमारी सरकार भी खिलाड़ियों के हर तरह से साथ है।
अब हमारे महारथी भी कम नहीं हैं।
भारतीयों जैसा अदम्य साहस हिम्मत
उत्साह दम किसी और देश में नहीं है।
इसबार सोने पे दाव होगा।
और हर पल 140 करोड़ भारतीयों का
धड़कता दिल होगा और ..
इस बार पेरिस ओलंपिक में कमाल होगा।
सोना चांदी हो या कास्य सब अपने
पास होगा।
पूरे विश्व में देश का अपने नाम होगा..
जब इस महान खेल का आगाज़ होगा।
और अंत भी खुशमिजाज होगा।
तब.....
देश के सर पे ताज होगा
और पूरे देश को अपने खिलाड़ियों पर नाज़ होगा..
देश खेलेगा जीतेगा तब ..
हर तरफ प्रकाश होगा।
हर तरफ़ विकास होगा।
वो दिन बहुत खास होगा
वह दिन बहुत खास होगा..

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




