उर्दू लिखना सी दो....।
कुछ चाहत है दिल में, ज़रा पूरा करा दो।
हम लिखते नहीं उर्दू, उर्दू लिखना सीखा दो।।
डूबे हैं नशे में, लिखने की चाहत लेकर के,
मेरे मारने से पहले, कोई चाहत पूरा कर दो।।
न जाने क्यों, बड़ी शर्मिंदगी ढाई है मैंने।
अब है कोई चाहने वाला, मुझे बेहतर बना दो।।
शरारतें भी अब मुँह फेर ली है, न जाने क्यों।
कोई समझदारी का, दवा ही पीला दो।।
बोलना ही तो है अब उर्दू हमको भी।
कोई हो तो उर्दू बोलना सीखा दो...।।
- सुप्रिया साहू