वन्य जीवों की पुकार देखो
वन्य जीवों की दशा तो देखो
दर दर वन वन भटक रहे हैं
इनके मन की पीड़ा तो देखो
वन्य जीवों की करुण पुकार
सुनते वहीं जो करे इन्हें प्यार
प्रकृति ही गोद है इनकी
प्रकृति ही इनका संसार l
पेड़ पौधों को काट के प्राणी
वनो को दिया तुने उजाड़
कहाँ रहेंगे मूक जीव ये
जंगल में रह गए झाड़ ही झाड़ l
हम जीवों का दर्द है ऐसा
कह ना सके हम अपनी कहानी
सब जीवों की क्या जिन्दगानी
हम सब जीव बेज़ुबानी
हम पे मत करो अत्याचार
सब मिल करलो हमसे प्यार
हमें संभालो हमें बचालो
हम सबकी ये करुण पुकार
डॉ नितिन तिवाड़ी,
बीकानेर, राजस्थान