ज़ख्म ऐसा हो,
जो मरहम बने,
अनजान सा कोई अपनापन बने,
झांक कर अपने हिस्से को,
अपने किरदार का,
हल्का सा कोई नया ढंग बने,
रंग बू और आदत कोई निशां नहीं,
पर चेहरे का ना बदले,,
कोई हँसने से बने या ना बने,
मग रोने का ढंग ना बदले।।
Newहैशटैग ज़िन्दगी पुस्तक के बारे में updates यहाँ से जानें।
Newसभी पाठकों एवं रचनाकारों से विनम्र निवेदन है कि बागी बानी यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करते हुए
उनके बेबाक एवं शानदार गानों को अवश्य सुनें - आपको पसंद आएं तो लाइक,शेयर एवं कमेंट करें Channel Link यहाँ है
Show your love with any amount — Keep Likhantu.com free, ad-free, and community-driven.
Newहैशटैग ज़िन्दगी पुस्तक के बारे में updates यहाँ से जानें।
Newसभी पाठकों एवं रचनाकारों से विनम्र निवेदन है कि बागी बानी यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करते हुए
उनके बेबाक एवं शानदार गानों को अवश्य सुनें - आपको पसंद आएं तो लाइक,शेयर एवं कमेंट करें Channel Link यहाँ है
ज़ख्म ऐसा हो,
जो मरहम बने,
अनजान सा कोई अपनापन बने,
झांक कर अपने हिस्से को,
अपने किरदार का,
हल्का सा कोई नया ढंग बने,
रंग बू और आदत कोई निशां नहीं,
पर चेहरे का ना बदले,,
कोई हँसने से बने या ना बने,
मग रोने का ढंग ना बदले।।