वन्य जीवों की यही है पुकार
यह प्रकृति है ईश्वर देन
इसे ना मानव तू ना उजाड़
प्रकृति की रक्षा धर्म तुम्हार
कर मानव वन्य जीवों पर उपकार
मानव जब देगा ना ध्यान
बिगड़ जाएगा संतुलन प्रकृति का
वन्य जीव करे पुकार पानी को तुम करो ना बेकार
मछली तड़फ तड़फ मर जाए
मत काटो तुम वन के पेड़
घने जंगल की छाया में
पक्षी करते रेन बसेर
घने जंगल के पेड़ पर
पक्षी की कलरव को सुन
कोयल गाए चिड़िया चहकी
पेड़ की टहनी छुप छुप रोती
मत छीनो तुम दूसरों के घर
वन्य जीवों की यही पुकार
नदी तालाब पोखर को तुम स्वच्छ करदो मेरे भाई
पानी पीकर प्यास बुझाऊं
आशीर्वादों से लबालब भर जावो
पेड़ है तो हवा शुद्ध मिलेगी
वन्य जीवों के साथ साथ मानव भी खुश हाल हो जाएगा
रखे हम सब प्रकृति का ख्याल
हम भी रखेंगे सबका ख्याल
वन्य जीवों की यही पुकार
खुश हाल हो जीवन हमार
भगवती शिव प्रसाद जी बिहानी
तालछापर चूरू राजस्थान

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




