स्कूलों में पढ़ना पढ़ाना
तो फिर भी आसान है
गैर मामूली सीख वो जो
बनाती अच्छे इंसान है
जोड़ना घटाना पैसा कमाना
तो फिर भी आ जाएगा
किसी की खुशियों को चार गुना बढ़ा
ये हुनर कब सीख पायेगा
भुगोल के पन्नो में
बेशक दुनिया देखो
पर साथ-साथ कुछ अक्षर
दुनियादारी के समझो
आगे बढ़ना, खुद के लिए लङना
तो अनगिनत दफा करेगा
किसी की खुशी की खातिर
क्या खुद को पीछे कर सकेगा
समाज तो मिलजुलकर
रहने का नाम है
सिर्फ खुद को ऊंचा करने में
क्यों जिंदगी तमाम है
सीखा गणित, भुगोल, भाषा विज्ञान
सीखो देना सहारा, आओ किसी के काम
बस लेना नहीं, अब देना भी जानो
इंसान है वो भी, इंसानियत को मानो
चित्रा बिष्ट