बाल कविता : चींटी और मक्खी....
चींटी आ कर डिब्बे
की चीनी खाती है
मक्खी आ कर खाने
पर बैठ जाती है
वे इधर उधर कुछ
न कुछ करते हैं
खाने के लिए तो वे
दोनों ही मरते हैं
अगर डिब्बे की ढक्कन लगाएं
चींटी चीनी नहीं खाएगी
खाने को भी ढक कर रखिए
मक्खी भी नहीं आएगी