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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra The Flower of WordThe novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

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The novel 'Nevla' (The Mongoose), written by Vedvyas Mishra, presents a fierce character—Mangus Mama (Uncle Mongoose)—to highlight that the root cause of crime lies in the lack of willpower to properly uphold moral, judicial, and political systems...The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

                    

इक़बाल सिंह “राशा” की कविता “तू रब था, पर मैंने तुझे इक नज़्म में पाया”

मैंने तेरे लिए
न आरती लिखी,
न कोई वेद-श्लोक,
न ही मस्जिद के साए में
सिजदे किए…

मैं बस
एक अधूरी नज़्म में बैठा —
और तुझसे कहा —
“आ, कुछ कह… या बस चुप रह।”

तू रब था —
तेरे नाम पर मंदिर उठे,
मजारें रोशन हुईं,
पर मैं
तेरे किसी नाम से जुड़ नहीं पाया।

फिर
एक रात
शब्दों की रूह में
तू उतर आया —
जैसे किसी टूटी हुई पंक्ति में
धड़कता हो इश्क़ का ईश्वर।

मैंने तेरी आराधना नहीं की,
सिर्फ लिखा —
तेरे होने की गंध को,
तेरे न होने के शोर को,
तेरे मौन के आकाश को।

और तब जाना —
तू रब था,
पर मैंने तुझे
इक नज़्म में पाया।

वो नज़्म —
जो किसी किताब में नहीं,
मेरी रूह की कोर में लिखी गई थी —
तेरे नाम के बिना,
पर सिर्फ़ तेरे लिए।

-इक़बाल सिंह “राशा”
मनिफिट, जमशेदपुर, झारखण्ड




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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (6)

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शिल्पी चड्ढा said

वाह वाह! बहुत सुन्दर तू रब था .दिल तो छूने वाली रचना |

मनोज कुमार सोनवानी "समदिल" said

वाह क्या खूब लिखा है आपने, इकबाल जी।शब्द और इजहार से ऊपर उठकर किसी अनमोल अस्तित्व को आत्मा के किसी कोने में महसूस करना।ये भी इश्क का एक पहलू है। शानदार भावपूर्ण अर्थपूर्ण रचना। नमस्कार जी।

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' said

यह कविता नहीं… यह आत्मा की वह थरथराहट है, जहाँ ईश्वर पूजा नहीं, प्रेम बन जाता है।
हर पंक्ति जैसे कह रही हो — रब को ढूँढना नहीं, महसूस करना है… शब्दों के बीच, मौन के भीतर।
बस एक शब्द: अद्भुत। ✨📖
आदरणीय को सादर प्रणाम

रीना कुमारी प्रजापत said

आहा! 👏👏👏👏

ललित दाधीच said

क्या बात क्या बात क्या बात जबरदस्त रचना है 💎💎

वन्दना सूद said

वाह वाह sir हर शब्द क़ाबलियतरीफ़ है 🙏🙏👌👌👏👏

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