अनुभवों का खजाना- डॉ एच सी विपिन कुमार जैन" विख्यात "
आंखों में नमी सी है,
आवाज़ फटी हुई है।
बचपन की बातें याद आती हैं,
मुस्कुराहट थमी हुई है।
अनुभवों का खजाना साथ है,
लेकिन ताकत कमज़ोर हो गई।
नई पीढ़ी को सिखाना चाहते हैं,
लेकिन जुबान लडखड़ा गई।
बैलेंस बिगड़ा है,
लेकिन हौसला कमज़ोर नहीं।
जीवन का अनुभव,
उनके पास खजाने की तरह है।
समाज का आधार हैं,
देश का सम्मान हैं,
उनकी सेवा करना।
हमारा कर्तव्य है,
आओ मिलकर उनका हाथ थामें।
उनकी सेवा में,
हम सब जुटें।
उनके अनुभवों से सीखें,
उनकी आशीर्वाद से आगे बढ़ें।