उसमें भी जीवन होता है
दर्द वो भी महसूस करता है
तो जान की उसके मोल ना लगाओ
मासूम को धरती से ना मिटाओ
है बेजुबान बेजान नहीं
क्या हुआ कि जो इंसान नहीं
सङको पर दिन और रात रहे
कूङे के ढेर से पेट भरे
इंसान हो तुम इंसान ही रहो
भाग्यविधाता ना ही बनो
बेजुबान पशुओं की जान ना लो
दया करो, भगवान से डरो