बङी तबीयत से किसी ने मुझे बिखेरा है
दिल पे एक जख्म नया फिर उकेरा है
उनको जाना ही था अगर तो
चले जाते
इस तरह से किसलिए मुझे
बिखेरा है
अब मोहब्बत की रस्में क्यूं
निभाएं हम
छीन कर रौशनी हमको दिया
अंधेरा है
संभलने का भी उसने नहीं
दिया मौका
बङी फुर्सत से उसने हम को
घेरा है
बेवफाई पर उनकी क्या कहे
यादव
बङी हसरत से किसी ने मुझे
बिखेरा है
लेखराम यादव
सर्वाधिकार अधीन है

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




