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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra The Flower of WordThe novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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The Flower of Word by Vedvyas MishraThe Flower of Word by Vedvyas Mishra
Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

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The novel 'Nevla' (The Mongoose), written by Vedvyas Mishra, presents a fierce character—Mangus Mama (Uncle Mongoose)—to highlight that the root cause of crime lies in the lack of willpower to properly uphold moral, judicial, and political systems...The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

                    

उसकी महफ़िल में

हम कैसे चले जायें तुम्हारी जगह उसकी महफ़िल में,
जब बुलाया उसने हमे नहीं तुम्हें है।
और चले भी गये तेरे कहने से हम तो होगा क्या?
जब उन निग़ाहों को फ़क़त इंतज़ार तुम्हारा है।

हम कैसे ले ले तुम्हारी जगह उसकी महफ़िल में,
जब चाहत उसे फ़क़त तुम्हारी है।
और मानो ले भी ली तुम्हारी जगह हमने तो होगा क्या?
जब तक महफ़िल चलेगी उसे तुम्हारी कमी
खलती रहेगी।

हम कैसे करें उसकी वो तारीफ़,
जिसे सुनना वो बस तुमसे चाहती है।
फिर भी कर देते हैं तारीफ़ तेरे कहने से पर होगा क्या?
जब उसे फ़क़त तुमसे ही तारीफ़ सुनने की लत लगी है।

ख़ैर गये थे उसकी महफ़िल में हम
और जगह ली भी थी तुम्हारी,
पर तुम्हें ना पाकर वो बड़ी उदास हो गई।
पूछा तो कुछ ना उसने तुम्हारे बारे में,
पर हम जानते हैं उसके मन में
बडी ही खलबली मच रही थी।

🖋️ रीना कुमारी प्रजापत 🖋️




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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (4)

+

Lekhram Yadav said

बहुत ही सुंदर कविता, पढ़कर बेहद खुशी हुई, आपको सुप्रभात सहित सादर नमस्कार।

रीना कुमारी प्रजापत replied

शुक्रिया🙏प्रणाम सुप्रभात

श्रेयसी said

Bahut sundar rachnaa 👌👌🙏🙏

रीना कुमारी प्रजापत replied

🙏🙏 धन्यवाद!

वन्दना सूद said

सुंदर रचना 👏👏

रीना कुमारी प्रजापत replied

Thanku ji

कमलकांत घिरी said

वाह बहुत खूब दीदी जी👌🙌🙏

रीना कुमारी प्रजापत replied

🙏🙏😊

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