लूटी अस्मत फिर गई एक बेटी मारी
कुछ लोगो के कारण अबला है अब नारी।
किस्सा ना जाने क्यो रोज-रोज है ये जारी।
सबक सिखाने कि इनको कब शुरू होगी बारी।
दुर्गा,चंडी को पूजा जाता है जिस देश मे
घूम रहे है कुछ भेड़िए इंसान के यहाँ वेश मे।
मिलकर सबक इनको सिखाना होगा
जो बेटी चली गई मिलकर इंसाफ उसको दिलाना होगा।
मत सहो बेटियो अब तुम इन वारो को
मत बख्शो इन हथियारो को।
उठाओ अब तुम भी हथियार
करो इन जालिमो पर ऐसा प्रहार
ना जाए कोई भी तुम्हारा खाली वार।
-राशिका✍️✍️✍️