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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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Dastan-E-Shayra By Reena Kumari PrajapatDastan-E-Shayra By Reena Kumari Prajapat

कविता की खुँटी

                    

ना जाए कोई भी खाली अब वार

लूटी अस्मत फिर गई एक बेटी मारी
कुछ लोगो के कारण अबला है अब नारी।
किस्सा ना जाने क्यो रोज-रोज है ये जारी।
सबक सिखाने कि इनको कब शुरू होगी बारी।
दुर्गा,चंडी को पूजा जाता है जिस देश मे
घूम रहे है कुछ भेड़िए इंसान के यहाँ वेश मे।
मिलकर सबक इनको सिखाना होगा
जो बेटी चली गई मिलकर इंसाफ उसको दिलाना होगा।
मत सहो बेटियो अब तुम इन वारो को
मत बख्शो इन हथियारो को।
उठाओ अब तुम भी हथियार
करो इन जालिमो पर ऐसा प्रहार
ना जाए कोई भी तुम्हारा खाली वार।
-राशिका✍️✍️✍️




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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (6)

+

Updesh Kumar Shakyawar said

Bahut Khub 🙏🏻 🙏🏻

Rashika said

धन्यवाद उपदेश कुमार जी 🙏🙏🙏

कमलकांत घिरी said

बहुत प्रेरक रचना है मैम 👌👌🙏🙏

Rashika said

धन्यवाद कमलकांत घिरी जी 🙏🙏🙏

श्रेयसी said

Bilkul sahi kaha aapne👌👌🙏🙏

Rashika said

श्रेयसी जी आज कल बेटिया बिल्कुल भी सुरक्षित नही है ,हर दिन कहीं ना कहीं से बेटियो पर हो रहे अत्याचार की खबरे सुनाई देती है ।सभी को मिलकर इन ज़ालिमो के खिलाफ आवाज उठानी होगी।साथ ही साथ बेटियो को सतर्क रहने और सशक्त बनने की शिक्षा देनी होगी।🙏🙏🙏

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