खाली जिस्म में बस गई तुम्हारी खुशबू।
जिन्दगी जाने के बाद भी गई नहीं खुशबू।।
ऐसा कहते हुए ज़माना पीछे पीछे रहता।
जिन्दा रहते पर चमत्कार दिखती खुशबू।।
साथ रहने पर दिखाई देती शख्सियत तेरी।
जिन्दगी भर 'उपदेश' साथ निभाए खुशबू।।
यादो के झूले झूलती रहती रूमानियत तेरी।
खाक होने पर फैल जाती इधर-उधर खुशबू।।
- उपदेश कुमार शाक्यवार 'उपदेश'
गाजियाबाद