तुम कुछ तो मेरे जैसी हो,
पर पूरी नहीं हो जाना....
कहते हैं कहने वाले,
सिर्फ़ मेरा ही अफ़साना।
हदें ना छोड़ेंगे अपनी,
यही है अपना वादा।
सबसे परे कुछ नया करेंगे,
यही है बस एक इरादा।
तुम कुछ तो मेरे जैसी हो
पर पूरी नहीं हो जाना....
लिखेंगे कई लिखने वाले,
एक दिन मेरा फ़साना।
बयां करेंगे ग़ज़लों में अपनी
ये मेरी खुशी का ठिकाना।
कामयाबी कदम चूमेगी,
और ये जहां देगा नज़राना।
✍️ रीना कुमारी प्रजापत ✍️