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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra The Flower of WordThe novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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The Flower of Word by Vedvyas MishraThe Flower of Word by Vedvyas Mishra
Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

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The novel 'Nevla' (The Mongoose), written by Vedvyas Mishra, presents a fierce character—Mangus Mama (Uncle Mongoose)—to highlight that the root cause of crime lies in the lack of willpower to properly uphold moral, judicial, and political systems...The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

                    

ये नहीं है मेरा चाँद

आसमांँ में जो दिखता है बिल्कुल वैसा हीं है मेरा चाँद
मगर न जाने कहांँ खो गया मिलता नहीं मुझको मेरा चाँद

मैंने पूछा जाने अनजाने से ढूंढ़ा भी गलियों चौबारे में
किसी को कुछ ख़बर न थी ना मुझे हीं मिला मेरा चाँद

मैं गुज़री उसी झील किनारे से जहांँ जाते थे हम साथ कभी
पानी में तो दिखा मगर छूते हीं लगा ये नहीं है मेरा चाँद

बेशक मैं हूँ चाँदनी उसकी मगर अब खो चुका है वजूद मेरा
अस्तित्व में फिर आ जाऊँगी जब मिल जाएगा मुझे मेरा चाँद




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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (8)

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सुभाष कुमार यादव said

अद्भुत। क्या कमाल लिखा आपने। मंत्रमुग्ध करने वाली रचना।👌👌🙏

सुप्रिया साहू said

बहुत खूबसूरत रचना मैम 👌👌, हर एक पंक्ति दिल की गहराइयों से निकली हुई है, आपको सादर प्रणाम 🙏🙏।

मनोज कुमार सोनवानी "समदिल" said

वाह , श्रेयसी मेम, खूबसूरत रचना। आपका चांद बहुत ही सुन्दर है।

श्रेयसी said

बहुत-बहुत आभार शुक्रिया सुभाष जी, सुप्रिया जी एवं मनोज जी इतनी अच्छी प्रतिक्रिया के लिए 🙏🙏

वन्दना सूद said

आप अपने दिल की गहराइयों से भावनाओं को शब्दों में इस कदर पिरो देतीं हैं कि हर बार आपकी रचना पढ़ने के बाद मन में एक question mark आ जाता है

उपदेश कुमार शाक्यावार said

हर एक पंक्ति दिल से निकली, आपको सादर प्रणाम

शिवचरण दास said

बहुत खूबसूरत रचना

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' said

वाह! क्या खूबसूरत और दिल को छू लेने वाली रचना… चाँद और चाँदनी के बहाने बिछड़न का दर्द इतनी नज़ाकत से बयां किया कि हर पंक्ति दिल में उतर गई! 🌙❤️👏
आदरणीय श्रेयषी Mam, को सादर प्रणाम

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