तुमने प्रेम चुनरिया , जो मेरे सर पे डाला
उसमें चांद सितारे नहीं जड़े थे
प्रेम भरी दो आंखें थी, एहसासों के कुछ धागे
एक निश्छल पावन मन भी था ,देख जिसे
खुशियों के आंसू निकल पड़े थे
जिन नैनों में नीर भरे थे उनमें अरमानों के मेले लगे
अक्सर मैं सोचा करती हूं,
प्यार न होता धरती पर तो जग कितना सूना होता
कभी रूदन कभी हंसी, मेल न होता दिल से दिल का
हर तरफ़ अंधेरा होता , पूनम का उजियारा न होता ।
----पूनम झा